सुप्रीमकोर्ट का आरक्षण पर की गई टिप्पणी काफी चर्चा में है। इसपर सदन में भी चर्चा हुई आप जातिवादी आरक्षण को कैसे देखते हैं अपने विचार रखें। काफी चर्चा के बाद तय हुआ कि आरक्षण का असल मकसद छूआछूत को मिटाना और सबको बराबरी पर लाना था इसके साथ ही संविधान में जातिगत रिजर्वेशन की शुरुआत हुई थी। इस श्रेणी में वे लोग आते हैं, जिन्हें पुराने में छूआछूत का सामना करना पड़ा था। चूंकि सामाजिक स्तर पर ये पिछले हुए थे तो जाहिर बात है कि आर्थिक तौर पर भी ये पीछे ही रह गए थे। पर आज के समय मे इसका पुनरावलोकन कितना आवश्यक है अवश्य बताएं।